Ekta Singh

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प्रेम जाल

नम्रता-2 दिन बाद मुझे गाजियाबाद जाना पड़ेगा मेरा एक एग्जाम है।

मम्मी-तो क्या वहां से प्रगति से मिलने भी जाएगी?

नम्रता-मम्मी सीधे घर आऊंगी। अगले दिन स्कूल भी है।पहले ही बहुत छुट्टियां हो चुकी है।

सब लोग खाना खाकर सो जाते हैं

नम्रता अपने टाइम पर स्कूल के लिए निकल जाती है ।लेकिन उसने एक बात नोटिस की। एक अंकल उम्र कम से कम 60 रही होगी। रोज आते जाते उससे टकरा रहे थे। ऐसा नहीं है कि वह उससे कुछ कह रहे थे। लेकिन उसको ऐसा लग रहा था, उसका पीछा कर रहे हैं? उसको को समझ में नहीं आ रहा था? इतनी बुजुर्ग अंकल उसका पीछा क्यों कर रहे हैं?

यह सोचते हुए फिर वह अपने काम में लग गई। शाम का समय था सब मिलकर चाय पी रहे थे।तभी फोन की घंटी बजती है। फोन उठाकर देखा तो दीपक का फोन था।नम्रता एक साइड हो कर बात करने लगती है।

दीपक-हाय नम्रता कैसी हो?

नम्रता-हां बस ठीक हूं। कल मॉर्निंग में मेरा पेपर है उसी की तैयारी और साथ में चाय भी पी रही हूं। तुम्हारे लिए चाय भेजूं क्या?

Deepak-भेज दो यार मुझे तो तुम्हारी हाथ की चाय पीने का बहुत मन है।और मुस्कराने लगता है। अच्छा एक बात बताओ? तुम्हें कितने बजे जाना है ??

नम्रता-12:00 बजे मेरा पेपर है। मैं घर से 10:00 बजे निकल जाऊंगी। चलो यार बाय मैं कल बात करूंगी।

दीपक-रुको तो सही यार इतनी जल्दी फोन रख रही हो? तुम कहो तो मैं तुम्हें गाजियाबाद छोड़ देता हूँ। और मेरे कुछ काम बहुत दिनों से पेंडिंग है वह भी पूरे कर लूंगा।

नम्रता-अरे यार तुम क्यों परेशान हो रहे हो। मैं चली जाऊंगी।

दीपक-परेशानी की क्या बात है मैं बस स्टॉप पर तुमको मिल जाऊंगा।

नम्रता- बाय कहकर फोन रख देती है

नम्रता कप उठाकर किचन में रख देती है। और पढ़ने बैठ जाती है। अगले दिन वह तैयार होकर बस स्टॉप के लिए निकल जाती है।

उस दिन उसको कोई रिक्शा भी नहीं मिलता है। इतने में ही दीपक का फोन आ जाता है।

नम्रता उसको बताती है कि वह रास्ते में ही है। दीपक उसको बोलता है।वही रुक जाओ वह गाड़ी लेकर वही आ जाता है।

थोड़ी देर में ही हवा से बातें करती हुई एक कार उसके सामने रुक जाती है। नम्रता समझ जाती है कि यह दीपक की कार है। दीपक शीशे नीचे करता है और नम्रता को अंदर बैठने का इशारा करता है।

थोड़ी देर में नम्रता अंदर बैठ जाती है।

दीपक की गाड़ी परफ्यूम खुशबू से महक रही थी। दीपक ने नीले रंग की शर्ट और काले रंग की जींस पहन रखी थी। उसके गोरे रंग पर यह कलर बहुत ही अच्छा लग रहा था।

नम्रता ने स्काई ब्लू कुरती और पीले रंग सलवार पहने हुए थी। दुपट्टा नीले रंग का था और उसमें पीले रंग की लाइने आ रही थी। वह भी गजब की खूबसूरत लग रही थी।

दोनों ने एक दूसरे प्रशंसा की।

दोनों ऐसे ही बातें करते करते एग्जाम सेंटर पहुंच गए।

दीपक-- तुम एग्जाम देकर कर मेरा यहीं पर वेट करना मैं तुम्हें लेने आ जाऊंगा। यह तो बताओ कितने बजे एग्जाम खत्म होगा?

नम्रता-मेरा एग्जाम 3:00 हो जाएगा। कुछ ही देर में वह अंदर चली जाती है।

दीपक अपनी गाड़ी लेकर वहां से चला जाता है।

दीपक 3:00 बजे से पहले ही एग्जाम सेंटर पहुंच जाता है।

थोड़ी देर में ही नम्रता निकल कर बाहर आ जाती है। वह इधर-उधर गाड़ी देखने लगती है। लेकिन आसपास इतनी भीड़ थी कि वह दीपक की गाड़ी देख नहीं पा रही थी। थोड़ी देर में दीपक गाड़ी से उतर कर आता है और नम्रता को अपने साथ ले जाता है।

दोनों एक साथ कार में बैठ जाते हैं ।

दीपक- कैसे रहा तुम्हारा एग्जाम ? नम्रता- बहुत टफ एग्जाम आया था। देखो पता नहीं पास हो पाऊंगी कि नहीं?

दीपक- परेशान मत हो ।तुम इतनी इंटेलिजेंट हो। सब अच्छा होगा। यार मुझे भूख लग रही है तुम्हारी वजह से मैंने खाना भी नहीं खाया। थोड़ी देर में ही दीपक एक पंजाबी ढाबे के आगे कार रोक देता है।

भूख तो नम्रता को भी लगी थी। दोनों अंदर जाकर बैठ जाते हैं। दीपक एक लड़के को इशारा करता है थोड़ी देर में वह लड़का दीपक के सामने आ जाता है। हाजी साहब क्या लाऊं आपके लिए ? दीपक-क्या खाओगी बताओ?

नम्रता-जो चाहे मंगा लो।

दीपक --आलू प्याज के पराठे दही के साथ मंगवा लेता है। थोड़ी ही देर में आलू प्याज के पराठे,दही अचार आ जाता है। आलू और प्याज के पराठे की खुशबू इतनी अच्छी आ रही थी कि दोनों उस पर टूट पड़े।

वह बुजुर्ग अंकल कौन थे? वह नम्रता का पीछा क्यों कर रहे थे? यह सब जानने के लिए पढ़ते रहिए।

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1 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 09:00 PM

Nice one

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